सरकारी बॉन्ड से इकट्ठा किया गया पैसा सरकारी योजनाओं में लगाया जाता है और इस पैसे की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होती है.
RBI ने अपनी नीतिगत चर्चाओं में ग्रीन फाइनेंस पर चर्चा को प्राथमिकता देना शुरू किया, बदल सकता है फाइनेंसिंग का तरीका.